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लेखनी कहानी -01-Jun-2023 कातिल कौन

भाग 44 
हीरेन की दलीलों से पहली बार असहमत होते हुए जज साहब ने कहा "आप यह कैसे कह सकते हैं जासूस महोदय कि गायब हुए उन सभी लोगों का कत्ल हो चुका है" ? 
हीरेन अपने चुटीले अंदाज में बोला "ए सी पी आदित्य जोशी इसी अदालत में बैठे हैं । आप इनसे पूछ सकते हैं कि इन औरतों में से कितनी औरतें इनके पास अपने पति की जानकारी के लिए आई हैं और क्या उनमें से कोई ऐसी औरत है जिसका पति के वियोग में रो रोकर बुरा हाल हो गया हो" ? 

जज साहब ने आदित्य जोशी से पूछा "क्या जासूस महोदय जो कह रहे हैं वह सत्य है" ? 

आदित्य जोशी अपनी सीट से खड़ा होकर कहने लगा "कुछ हद तक सत्य है योर ऑनर । गायब हुए लोगों की पत्नियां शुरू शुरू में तो थाने में आकर खूब रोती थीं । नाटक किया करती थीं लेकिन अब उनका थाने में आना भी बंद हो गया है और अब उनका चेहरा पहले से भी अधिक सुंदर हो गया है" । यह कहते हुए आदित्य ने अपने मोबाइल से उन औरतों के फोटोग्राफ्स और कुछ वीडियो जज साहब को दिखलाये । जज साहब भी उन फोटोग्राफ्स और वीडियो को देखकर स्तंभित हो गये । उन औरतों के सौन्दर्य में और अधिक निखार आ गया था । उनका बदन और अधिक गदराया हुआ, मांसल हो गया था । जिस औरत का पति पिछले दो तीन साल से गायब हो वह तो उसके गम में आधी रह जानी चाहिए थी और उसके मुख की कान्ति धूमिल हो जानी चाहिए थी लेकिन यहां तो मामला ही उल्टा हो रहा है । जज साहब को हीरेन की बात में दम लगा । वे हीरेन से कहने लगे "अब बहुत हो गया लुका छिपी का खेल , अब तो कातिल को सामने ले आओ, जासूस महोदय । अब और सब्र नहीं होता है" । 

हीरेन अपनी कातिल मुस्कान से एक भरपूर वार करते हुए बोला "बस, मी लॉर्ड । अब यह पहेली अपने अंतिम चरण में चल रही है । मैं आज ही कातिल को रंगे हाथ पकड़ना चाहता हूं । वैसे यह काम मैं अपनी टीम के साथ भी कर सकता हूं मगर मैं यह चाहता हूं कि आप एसीपी आदित्य जोशी को एक टीम के साथ मेरे हवाले कर दें । वे मेरे निर्देशन में काम करें, ऐसा आदेश पारित कर दें । आप भी कातिल को रंगे हाथों पकड़ते हुए देखना चाहें तो हमारे साथ रहें । फिर कल आपके सामने इसी अदालत में कातिल उपस्थित होकर स्वयं अपने कुकर्मों का कच्चा चिठ्ठा खोलेगा । पर इससे पहले मैं एक गवाह को विटनेस बॉक्स में बुलाने की अनुमति चाहता हूं, योर ऑनर" । 

हीरेन ने अपने मुंह की पान की गिलौरी को बांयें से दांयें सरकानी चाही मगर मुंह का पान तो कब का खत्म हो चुका था ? हीरेन ने मीना की ओर देखा तो मीना हीरेन का इशारा समझ कर तुरंत गुलकंद वाला पान ले आई और उसे हीरेन के मुंह में रख दिया । पान की पीक हलक से नीचे उतरने के बाद हीरेन सुपर सोनिक विमान से भी तेज गति से दौड़ने लगता है । 

विटनेस बॉक्स में एक व्यक्ति को खड़ा किया गया जिससे हीरेन पूछताछ करने लगा 
"आपका नाम" ? 
"दीपक सिंह" 
"क्या काम करते हो" ? 
"पुलिस विभाग में बाबू हूं" 

हीरेन चौंकते हुए बोला "पुलिस विभाग में बाबू भी होते हैं क्या" ? 
"क्यों नहीं होते ? पुलिस वालों के वेतन बिल , उनकी सर्विस बुक, छुट्टी वगैरह का काम कौन करेगा ? एक बाबू ही तो करेगा ना" ? दीपक ने प्रति प्रश्न करते हुए कहा 
"अच्छा तो आप पुलिस वालों के वेतन बिल बनाते हो" ? 
"नहीं योर ऑनर, इस समय मेरे पास 'भवन निर्माण विभाग' है" । 
"तो क्या पुलिस के भवन बनवाते हो" ? 
"जी योर ऑनर । पुलिस विभाग में हर साल कुछ नये थाने, चौकी, एसीपी, डीसीपी के ऑफिस, पुलिस कर्मियों, अधिकारियों के रहने के क्वार्टर वगैरह बनते हैं । उनकी फाइलें मैं ही संधारित करता हूं" । 
"अच्छा, क्या तुम्हें पता रहता है कि कब किस समय कौन सा थाना या दूसरा भवन कहां बनने जा रहा है या बन रहा है" ? 
"जी योर ऑनर" 
"तो, हमें बताइये कि आज कौन सा थाना कहां पर बनने जा रहा है" । 

इस सवाल पर दीपक सिंह चुप हो गया । इस पर हीरेन ने 500 - 500 के चार नोट जेब से निकाल कर दीपक सिंह को पकड़ाते हुए कहा "बताइए बाबूजी , ये दो हजार रुपए हैं । आपकी रेट 1000 रुपए प्रति भवन है । जितने भवनों की जानकारी दोगे, बाकी के पैसे और दे दूंगा" । हीरेन जज साहब की ओर देखकर बोला 
"ये क्या हो रहा है उधर ? ये अदालत है कोई पुलिस विभाग का ऑफिस नहीं जो यहां रिश्वत का लेन देन करो" ? जज साहब नाराज होते हुए बोले 

जज साहब की नाराजगी की जानकारी से हीरेन पहले ही वाकिफ था इसलिए बोला "मी लॉर्ड, बाबूजी भवनों की सूचना बिना लेन देन के किसी को बताते नहीं हैं । इन्होंने 1000 रुपए की रेट फिक्स कर रखी है । एक भवन के 1000 रुपए । इसी के आधार पर मैं पैसे दे रहा था" । 
"ये सही बात है क्या" ? जज साहब ने कड़क कर दीपक सिंह से पूछा । दीपक सिंह क्या कहता , चुप रह गया । तब हीरेन बोला । 

"योर ऑनर , लालच इंसान से क्या नहीं करवा लेता है ? एक सैनिक अपनी सेना की खुफिया सूचना दुश्मन देश को दे देता है । एक पुलिस कर्मी पैसे लेकर अपराधियों को भगा देता है । एक बाबू पैसे लेकर गलत नक्शा पास कर देता है । एक अध्यापक पैसे लेकर फेल लड़कों को पास कर देता है । पैसा ऐसी ही चीज है मी लॉर्ड जिससे कुछ भी काम निकलवाया जा सकता है । दीपक सिंह पैसे लेकर भवनों की जानकारियां हर किसी को देता रहता है । पर यहां पर सोचने वाली बात ये है मी लॉर्ड कि कोई आदमी पैसे देकर पुलिस के भवनों की जानकारी क्यों लेगा" ? हीरेन थोड़ी देर के लिए रुका और सबके चेहरे देखने लगा । सबके चेहरों पर जिज्ञासा नजर  रही थी । तब हीरेन फिर से बोला 

"पुलिस थानों के बनने में किसको रुचि हो सकती है योर ऑनर ? एक ऐसा आदमी जो अपराधी हो और जिसने दृश्यम फिल्म देख रखी हो । दृश्यम फिल्म में नायक अजय देवगन लाश को पुलिस थाने के नीचे गाड़ देता है मी लार्ड । बस, उसी दृश्य से प्रेरित होकर यह कातिल भी हत्या करने के बाद लाश को किसी नये बनते हुए थाने के नीचे गाड़ देता है" । इसके बाद हीरेन ने दीपक सिंह से पूछा "अच्छा यह बताओ कि तुमसे ये सूचना अब तक किस किस ने ली है" ? 

"ये वाली सूचना अब तक केवल एक ही व्यक्ति ने ली है जिसका नाम है हनी सिंह" । दीपक नीची नजरें किये हुए बोला । 
"योर ऑनर, गवाह दीपक सिंह को अब मेरी कस्टडी में देना होगा क्योंकि मुझे डर है कि यह यहां की सारी जानकारी हनी सिंह के न दे दे । यदि ऐसा हो गया तो फिर हनी सिंह को पकड़ना नामुमकिन हो जाएगा । और अब इस बहस को यहीं समाप्त करते हैं और कातिल को रंगे हाथ पकड़ते हैं" । 
इतना कहकर हीरेन अपनी सीट पर बैठ गया । जज साहब ने आज की अदालत की कार्यवाही बंद कर दी । 

श्री हरि 
29.6.23 

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8 Comments

Gunjan Kamal

03-Jul-2023 09:21 AM

बेहतरीन भाग

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Hari Shanker Goyal "Hari"

04-Jul-2023 09:00 PM

🙏🙏

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Punam verma

03-Jul-2023 08:26 AM

Very nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

04-Jul-2023 09:00 PM

🙏🙏

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Abhinav ji

01-Jul-2023 08:19 AM

Very nice 👍

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

04-Jul-2023 09:00 PM

🙏🙏

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